223نِساؤُكُم حَرثٌ لَكُم فَأتوا حَرثَكُم أَنّىٰ شِئتُم ۖ وَقَدِّموا لِأَنفُسِكُم ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ وَاعلَموا أَنَّكُم مُلاقوهُ ۗ وَبَشِّرِ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हारी स्त्रियों तुम्हारी खेती है। अतः जिस प्रकार चाहो तुम अपनी खेती में आओ और अपने लिए आगे भेजो; और अल्लाह से डरते रहो; भली-भाँति जान ले कि तुम्हें उससे मिलना है; और ईमान लानेवालों को शुभ-सूचना दे दो