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Sura 2
Aya 220
220
فِي الدُّنيا وَالآخِرَةِ ۗ وَيَسأَلونَكَ عَنِ اليَتامىٰ ۖ قُل إِصلاحٌ لَهُم خَيرٌ ۖ وَإِن تُخالِطوهُم فَإِخوانُكُم ۚ وَاللَّهُ يَعلَمُ المُفسِدَ مِنَ المُصلِحِ ۚ وَلَو شاءَ اللَّهُ لَأَعنَتَكُم ۚ إِنَّ اللَّهَ عَزيزٌ حَكيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ताकि तुम दुनिया और आख़िरत (के मामलात) में ग़ौर करो और तुम से लोग यतीमों के बारे में पूछते हैं तुम (उन से) कह दो कि उनकी (इसलाह दुरुस्ती) बेहतर है और अगर तुम उन से मिलजुल कर रहो तो (कुछ हर्ज) नहीं आख़िर वह तुम्हारें भाई ही तो हैं और ख़ुदा फ़सादी को ख़ैर ख्वाह से (अलग ख़ूब) जानता है और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम को मुसीबत में डाल देता बेशक ख़ुदा ज़बरदस्त हिक़मत वाला है