206وَإِذا قيلَ لَهُ اتَّقِ اللَّهَ أَخَذَتهُ العِزَّةُ بِالإِثمِ ۚ فَحَسبُهُ جَهَنَّمُ ۚ وَلَبِئسَ المِهادُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जब उससे कहा जाता है, "अल्लाह से डर", तो अहंकार उसे और गुनाह पर जमा देता है। अतः उसके लिए तो जहन्नम ही काफ़ी है, और वह बहुत-ही बुरी शय्या है!