19أَو كَصَيِّبٍ مِنَ السَّماءِ فيهِ ظُلُماتٌ وَرَعدٌ وَبَرقٌ يَجعَلونَ أَصابِعَهُم في آذانِهِم مِنَ الصَّواعِقِ حَذَرَ المَوتِ ۚ وَاللَّهُ مُحيطٌ بِالكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया उनकी मिसाल ऐसी है जैसे आसमानी बारिश जिसमें तारिकियाँ ग़र्ज़ बिजली हो मौत के खौफ से कड़क के मारे अपने कानों में ऊँगलियाँ दे लेते हैं हालाँकि खुदा काफ़िरों को (इस तरह) घेरे हुए है (कि उसक हिल नहीं सकते)