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Sura 2
Aya 19
19
أَو كَصَيِّبٍ مِنَ السَّماءِ فيهِ ظُلُماتٌ وَرَعدٌ وَبَرقٌ يَجعَلونَ أَصابِعَهُم في آذانِهِم مِنَ الصَّواعِقِ حَذَرَ المَوتِ ۚ وَاللَّهُ مُحيطٌ بِالكافِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

या (उनकी मिसाल ऐसी है) जैसे आकाश से वर्षा हो रही हो जिसके साथ अँधेरे हों और गरज और चमक भी हो, वे बिजली की कड़क के कारण मृत्यु के भय से अपने कानों में उँगलियाँ दे ले रहे हों - और अल्लाह ने तो इनकार करनेवालों को घेर रखा हैं