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Sura 2
Aya 189
189
۞ يَسأَلونَكَ عَنِ الأَهِلَّةِ ۖ قُل هِيَ مَواقيتُ لِلنّاسِ وَالحَجِّ ۗ وَلَيسَ البِرُّ بِأَن تَأتُوا البُيوتَ مِن ظُهورِها وَلٰكِنَّ البِرَّ مَنِ اتَّقىٰ ۗ وَأتُوا البُيوتَ مِن أَبوابِها ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ لَعَلَّكُم تُفلِحونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे तुमसे (प्रतिष्ठित) महीनों के विषय में पूछते है। कहो, "वे तो लोगों के लिए और हज के लिए नियत है। और यह कोई ख़ूबी और नेकी नहीं हैं कि तुम घरों में उनके पीछे से आओ, बल्कि नेकी तो उसकी है जो (अल्लाह का) डर रखे। तुम घरों में उनके दरवाड़ों से आओ और अल्लाह से डरते रहो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो