171وَمَثَلُ الَّذينَ كَفَروا كَمَثَلِ الَّذي يَنعِقُ بِما لا يَسمَعُ إِلّا دُعاءً وَنِداءً ۚ صُمٌّ بُكمٌ عُميٌ فَهُم لا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया उन की मिसाल तो उस शख्स की मिसाल है जो ऐसे जानवर को पुकार के अपना हलक़ फाड़े जो आवाज़ और पुकार के सिवा सुनता (समझता ख़ाक) न हो ये लोग बहरे गूँगे अन्धें हैं कि ख़ाक नहीं समझते