162خالِدينَ فيها ۖ لا يُخَفَّفُ عَنهُمُ العَذابُ وَلا هُم يُنظَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की की जाएगी और न उन्हें मुहलत ही मिलेगी