154وَلا تَقولوا لِمَن يُقتَلُ في سَبيلِ اللَّهِ أَمواتٌ ۚ بَل أَحياءٌ وَلٰكِن لا تَشعُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते