152فَاذكُروني أَذكُركُم وَاشكُروا لي وَلا تَكفُرونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः तुम मुझे याद रखो, मैं भी तुम्हें याद रखूँगा। और मेरा आभार स्वीकार करते रहना, मेरे प्रति अकृतज्ञता न दिखलाना