149وَمِن حَيثُ خَرَجتَ فَوَلِّ وَجهَكَ شَطرَ المَسجِدِ الحَرامِ ۖ وَإِنَّهُ لَلحَقُّ مِن رَبِّكَ ۗ وَمَا اللَّهُ بِغافِلٍ عَمّا تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) तुम जहाँ से जाओ (यहाँ तक मक्का से) तो भी नमाज़ मे तुम अपना मुँह मस्ज़िदे मोहतरम (काबा) की तरफ़ कर लिया करो और बेशक ये नया क़िबला तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से हक़ है