138صِبغَةَ اللَّهِ ۖ وَمَن أَحسَنُ مِنَ اللَّهِ صِبغَةً ۖ وَنَحنُ لَهُ عابِدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(कहो,) "अल्लाह का रंग ग्रहण करो, उसके रंग से अच्छा और किसका रंह हो सकता है? और हम तो उसी की बन्दगी करते हैं।"