128رَبَّنا وَاجعَلنا مُسلِمَينِ لَكَ وَمِن ذُرِّيَّتِنا أُمَّةً مُسلِمَةً لَكَ وَأَرِنا مَناسِكَنا وَتُب عَلَينا ۖ إِنَّكَ أَنتَ التَّوّابُ الرَّحيمُफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और) ऐ हमारे पालने वाले तू हमें अपना फरमाबरदार बन्दा बना हमारी औलाद से एक गिरोह (पैदा कर) जो तेरा फरमाबरदार हो, और हमको हमारे हज की जगहों दिखा दे और हमारी तौबा क़ुबूल कर, बेशक तू ही बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है