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Sura 2
Aya 123
123
وَاتَّقوا يَومًا لا تَجزي نَفسٌ عَن نَفسٍ شَيئًا وَلا يُقبَلُ مِنها عَدلٌ وَلا تَنفَعُها شَفاعَةٌ وَلا هُم يُنصَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उस दिन से डरो जिस दिन कोई शख्स किसी की तरफ से न फिदया हो सकेगा और न उसकी तरफ से कोई मुआवेज़ा क़ुबूल किया जाएगा और न कोई सिफारिश ही फायदा पहुचाँ सकेगी, और न लोग मदद दिए जाएँगे