118وَقالَ الَّذينَ لا يَعلَمونَ لَولا يُكَلِّمُنَا اللَّهُ أَو تَأتينا آيَةٌ ۗ كَذٰلِكَ قالَ الَّذينَ مِن قَبلِهِم مِثلَ قَولِهِم ۘ تَشابَهَت قُلوبُهُم ۗ قَد بَيَّنَّا الآياتِ لِقَومٍ يوقِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन्हें ज्ञान नहीं हैं, वे कहते है, "अल्लाह हमसे बात क्यों नहीं करता? या कोई निशानी हमारे पास आ जाए।" इसी प्रकार इनसे पहले के लोग भी कह चुके है। इन सबके दिल एक जैसे है। हम खोल-खोलकर निशानियाँ उन लोगों के लिए बयान कर चुके है जो विश्वास करें