You are here: Home » Chapter 2 » Verse 115 » Translation
Sura 2
Aya 115
115
وَلِلَّهِ المَشرِقُ وَالمَغرِبُ ۚ فَأَينَما تُوَلّوا فَثَمَّ وَجهُ اللَّهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ واسِعٌ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(तुम्हारे मसजिद में रोकने से क्या होता है क्योंकि सारी ज़मीन) खुदा ही की है (क्या) पूरब (क्या) पश्चिम बस जहाँ कहीं क़िब्ले की तरफ रूख़ करो वही खुदा का सामना है बेशक खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला और खूब वाक़िफ है