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Sura 2
Aya 106
106
۞ ما نَنسَخ مِن آيَةٍ أَو نُنسِها نَأتِ بِخَيرٍ مِنها أَو مِثلِها ۗ أَلَم تَعلَم أَنَّ اللَّهَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हम जिस आयत (और निशान) को भी मिटा दें या उसे भुला देते है, तो उससे बेहतर लाते है या उस जैसा दूसरा ही। क्या तुम नहीं जानते हो कि अल्लाह को हर चीज़ का सामर्थ्य प्राप्त है?