103وَلَو أَنَّهُم آمَنوا وَاتَّقَوا لَمَثوبَةٌ مِن عِندِ اللَّهِ خَيرٌ ۖ لَو كانوا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि वे ईमान लाते और डर रखते, तो अल्लाह के यहाँ से मिलनेवाला बदला कहीं अच्छा था, यदि वे जानते (तो इसे समझ सकते)