100أَوَكُلَّما عاهَدوا عَهدًا نَبَذَهُ فَريقٌ مِنهُم ۚ بَل أَكثَرُهُم لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उनकी ये हालत है कि जब कभी कोई अहद किया तो उनमें से एक फरीक़ ने तोड़ डाला बल्कि उनमें से अक्सर तो ईमान ही नहीं रखते