90تَكادُ السَّماواتُ يَتَفَطَّرنَ مِنهُ وَتَنشَقُّ الأَرضُ وَتَخِرُّ الجِبالُ هَدًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि क़रीब है कि आसमान उससे फट पड़े और ज़मीन शिगाफता हो जाए और पहाड़ टुकड़े-टुकडे होकर गिर पड़े