85يَومَ نَحشُرُ المُتَّقينَ إِلَى الرَّحمٰنِ وَفدًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि जिस दिन परहेज़गारों को (खुदाए) रहमान के (अपने) सामने मेहमानों की तरह तरह जमा करेंगे