79كَلّا ۚ سَنَكتُبُ ما يَقولُ وَنَمُدُّ لَهُ مِنَ العَذابِ مَدًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो कुछ ये बकता है (सब) हम सभी से लिखे लेते हैं और उसके लिए और ज्यादा अज़ाब बढ़ाते हैं