64وَما نَتَنَزَّلُ إِلّا بِأَمرِ رَبِّكَ ۖ لَهُ ما بَينَ أَيدينا وَما خَلفَنا وَما بَينَ ذٰلِكَ ۚ وَما كانَ رَبُّكَ نَسِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) हम लोग फ़रिश्ते आप के परवरदिगार के हुक्म के बग़ैर (दुनिया में) नहीं नाज़िल होते जो कुछ हमारे सामने है और जो कुछ हमारे पीठ पीछे है और जो कुछ उनके दरमियान में है (ग़रज़ सबकुछ) उसी का है