59۞ فَخَلَفَ مِن بَعدِهِم خَلفٌ أَضاعُوا الصَّلاةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَواتِ ۖ فَسَوفَ يَلقَونَ غَيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर उनके बाद कुछ नाख़लफ (उनके) जानशीन हुए जिन्होंने नमाज़ें खोयी और नफ़सानी ख्वाहिशों के चेले बन बैठे अनक़रीब ही ये लोग (अपनी) गुमराही (के ख़ामयाजे) से जा मिलेंगे