55وَكانَ يَأمُرُ أَهلَهُ بِالصَّلاةِ وَالزَّكاةِ وَكانَ عِندَ رَبِّهِ مَرضِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अपने घर के लोगों को नमाज़ पढ़ने और ज़कात देने की ताकीद किया करते थे और अपने परवरदिगार की बारगाह में पसन्दीदा थे