42إِذ قالَ لِأَبيهِ يا أَبَتِ لِمَ تَعبُدُ ما لا يَسمَعُ وَلا يُبصِرُ وَلا يُغني عَنكَ شَيئًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे नबी थे जब उन्होंने अपने चचा और मुँह बोले बाप से कहा कि ऐ अब्बा आप क्यों, ऐसी चीज़ (बुत) की परसतिश करते हैं जो ने सुन सकता है और न देख सकता है