4قالَ رَبِّ إِنّي وَهَنَ العَظمُ مِنّي وَاشتَعَلَ الرَّأسُ شَيبًا وَلَم أَكُن بِدُعائِكَ رَبِّ شَقِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और) अर्ज़ की ऐ मेरे पालने वाले मेरी हड्डियां कमज़ोर हो गई और सर है कि बुढ़ापे की (आग से) भड़क उठा (सेफद हो गया) है और ऐ मेरे पालने वाले मैं तेरी बारगाह में दुआ कर के कभी महरूम नहीं रहा हूँ