23فَأَجاءَهَا المَخاضُ إِلىٰ جِذعِ النَّخلَةِ قالَت يا لَيتَني مِتُّ قَبلَ هٰذا وَكُنتُ نَسيًا مَنسِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर (जब जनने का वक्त ़क़रीब आया तो दरदे ज़ह) उन्हें एक खजूर के (सूखे) दरख्त की जड़ में ले आया और (बेकसी में शर्म से) कहने लगीं काश मैं इससे पहले मर जाती और (न पैद होकर)