2ذِكرُ رَحمَتِ رَبِّكَ عَبدَهُ زَكَرِيّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी का ज़िक्र है जो (उसने) अपने ख़ास बन्दे ज़करिया के साथ की थी