15وَسَلامٌ عَلَيهِ يَومَ وُلِدَ وَيَومَ يَموتُ وَيَومَ يُبعَثُ حَيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (हमारी तरफ से) उन पर (बराबर) सलाम है जिस दिन पैदा हुए और जिस दिन मरेंगे और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा खड़े किए जाएँगे