95قالَ ما مَكَّنّي فيهِ رَبّي خَيرٌ فَأَعينوني بِقُوَّةٍ أَجعَل بَينَكُم وَبَينَهُم رَدمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजुलकरनैन ने कहा कि मेरे परवरदिगार ने ख़र्च की जो कुदरत मुझे दे रखी है वह (तुम्हारे चन्दे से) कहीं बेहतर है (माल की ज़रूरत नहीं) तुम फक़त मुझे क़ूवत से मदद दो तो मैं तुम्हारे और उनके दरमियान एक रोक बना दूँ