65فَوَجَدا عَبدًا مِن عِبادِنا آتَيناهُ رَحمَةً مِن عِندِنا وَعَلَّمناهُ مِن لَدُنّا عِلمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो (जहाँ मछली थी) दोनों ने हमारे बन्दों में से एक (ख़ास) बन्दा खिज्र को पाया जिसको हमने अपनी बारगाह से रहमत (विलायत) का हिस्सा अता किया था