63قالَ أَرَأَيتَ إِذ أَوَينا إِلَى الصَّخرَةِ فَإِنّي نَسيتُ الحوتَ وَما أَنسانيهُ إِلَّا الشَّيطانُ أَن أَذكُرَهُ ۚ وَاتَّخَذَ سَبيلَهُ فِي البَحرِ عَجَبًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(यूशा ने) कहा क्या आप ने देखा भी कि जब हम लोग (दरिया के किनारे) उस पत्थर के पास ठहरे तो मै (उसी जगह) मछली छोड़ आया और मुझे आप से उसका ज़िक्र करना शैतान ने भुला दिया और मछली ने अजीब तरह से दरिया में अपनी राह ली