58وَرَبُّكَ الغَفورُ ذُو الرَّحمَةِ ۖ لَو يُؤاخِذُهُم بِما كَسَبوا لَعَجَّلَ لَهُمُ العَذابَ ۚ بَل لَهُم مَوعِدٌ لَن يَجِدوا مِن دونِهِ مَوئِلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है अगर उनकी करतूतों की सज़ा में धर पकड़ करता तो फौरन (दुनिया ही में) उन पर अज़ाब नाज़िल कर देता मगर उनके लिए तो एक मियाद (मुक़र्रर) है जिससे खुदा के सिवा कहीें पनाह की जगह न पाएंगें