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Sura 18
Aya 56
56
وَما نُرسِلُ المُرسَلينَ إِلّا مُبَشِّرينَ وَمُنذِرينَ ۚ وَيُجادِلُ الَّذينَ كَفَروا بِالباطِلِ لِيُدحِضوا بِهِ الحَقَّ ۖ وَاتَّخَذوا آياتي وَما أُنذِروا هُزُوًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हम तो पैग़म्बरों को सिर्फ इसलिए भेजते हैं कि (अच्छों को निजात की) खुशख़बरी सुनाएंऔर (बदों को अज़ाब से) डराएंऔर जो लोग काफिर हैं झूटी झूटी बातों का सहारा पकड़ के झगड़ा करते है ताकि उसकी बदौलत हक़ को (उसकी जगह से उखाड़ फेकें और उन लोगों ने मेरी आयतों को जिस (अज़ाब से) ये लोग डराए गए हॅसी ठ्ठ्ठा (मज़ाक) बना रखा है