77سُنَّةَ مَن قَد أَرسَلنا قَبلَكَ مِن رُسُلِنا ۖ وَلا تَجِدُ لِسُنَّتِنا تَحويلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुमसे पहले जितने रसूल हमने भेजे हैं उनका बराबर यही दस्तूर रहा है और जो दस्तूर हमारे (ठहराए हुए) हैं उनमें तुम तग्य्युर तबद्दुल (रद्दो बदल) न पाओगे