74وَلَولا أَن ثَبَّتناكَ لَقَد كِدتَ تَركَنُ إِلَيهِم شَيئًا قَليلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर हम तुमको साबित क़दम न रखते तो ज़रुर तुम भी ज़रा (ज़हूर) झुकने ही लगते