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Sura 17
Aya 7
7
إِن أَحسَنتُم أَحسَنتُم لِأَنفُسِكُم ۖ وَإِن أَسَأتُم فَلَها ۚ فَإِذا جاءَ وَعدُ الآخِرَةِ لِيَسوءوا وُجوهَكُم وَلِيَدخُلُوا المَسجِدَ كَما دَخَلوهُ أَوَّلَ مَرَّةٍ وَلِيُتَبِّروا ما عَلَوا تَتبيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

अगर तुम अच्छे काम करोगे तो अपने फायदे के लिए अच्छे काम करोगे और अगर तुम बुरे काम करोगे तो (भी) अपने ही लिए फिर जब दूसरे वक्त क़ा वायदा आ पहुँचा तो (हमने तैतूस रोगी को तुम पर मुसल्लत किया) ताकि वह लोग (मारते मारते) तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें (कि पहचाने न जाओ) और जिस तरह पहली दफा मस्जिद बैतुल मुक़द्दस में घुस गये थे उसी तरह फिर घुस पड़ें और जिस चीज़ पर क़ाबू पाए खूब अच्छी तरह बरबाद कर दी