65إِنَّ عِبادي لَيسَ لَكَ عَلَيهِم سُلطانٌ ۚ وَكَفىٰ بِرَبِّكَ وَكيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक जो मेरे (ख़ास) बन्दें हैं उन पर तेरा ज़ोर नहीं चल (सकता) और कारसाज़ी में तेरा परवरदिगार काफी है