62قالَ أَرَأَيتَكَ هٰذَا الَّذي كَرَّمتَ عَلَيَّ لَئِن أَخَّرتَنِ إِلىٰ يَومِ القِيامَةِ لَأَحتَنِكَنَّ ذُرِّيَّتَهُ إِلّا قَليلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (शेख़ी से) बोला भला देखो तो सही यही वह शख़्श है जिसको तूने मुझ पर फज़ीलत दी है अगर तू मुझ को क़यामत तक की मोहलत दे तो मैं (दावे से कहता हूँ कि) कम लोगों के सिवा इसकी नस्ल की जड़ काटता रहूँगा