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Sura 17
Aya 51
51
أَو خَلقًا مِمّا يَكبُرُ في صُدورِكُم ۚ فَسَيَقولونَ مَن يُعيدُنا ۖ قُلِ الَّذي فَطَرَكُم أَوَّلَ مَرَّةٍ ۚ فَسَيُنغِضونَ إِلَيكَ رُءوسَهُم وَيَقولونَ مَتىٰ هُوَ ۖ قُل عَسىٰ أَن يَكونَ قَريبًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उसका ज़िन्दा होना दुश्वार हो वह भी ज़रुर ज़िन्दा हो गई तो ये लोग अनक़रीब ही तुम से पूछेगें भला हमें दोबारा कौन ज़िन्दा करेगा तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) जिसने तुमको पहली मरतबा पैदा किया (जब तुम कुछ न थे) इस पर ये लोग तुम्हारे सामने अपने सर मटकाएँगें और कहेगें (अच्छा अगर होगा) तो आख़िर कब तुम कह दो कि बहुत जल्द अनक़रीब ही होगा