44تُسَبِّحُ لَهُ السَّماواتُ السَّبعُ وَالأَرضُ وَمَن فيهِنَّ ۚ وَإِن مِن شَيءٍ إِلّا يُسَبِّحُ بِحَمدِهِ وَلٰكِن لا تَفقَهونَ تَسبيحَهُم ۗ إِنَّهُ كانَ حَليمًا غَفورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीसातों आसमान और ज़मीन और जो लोग इनमें (सब) उसकी तस्बीह करते हैं और (सारे जहाँन) में कोई चीज़ ऐसी नहीं जो उसकी (हम्द व सना) की तस्बीह न करती हो मगर तुम लोग उनकी तस्बीह नहीं समझते इसमें शक़ नहीं कि वह बड़ा बुर्दबार बख्शने वाला है