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Sura 17
Aya 29
29
وَلا تَجعَل يَدَكَ مَغلولَةً إِلىٰ عُنُقِكَ وَلا تَبسُطها كُلَّ البَسطِ فَتَقعُدَ مَلومًا مَحسورًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अपने हाथ को न तो गर्दन से बँधा हुआ (बहुत तंग) कर लो (कि किसी को कुछ दो ही नहीं) और न बिल्कुल खोल दो कि सब कुछ दे डालो और आख़िर तुम को मलामत ज़दा हसरत से बैठना पड़े