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Sura 17
Aya 24
24
وَاخفِض لَهُما جَناحَ الذُّلِّ مِنَ الرَّحمَةِ وَقُل رَبِّ ارحَمهُما كَما رَبَّياني صَغيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उनके सामने नियाज़ (रहमत) से ख़ाकसारी का पहलू झुकाए रखो और उनके हक़ में दुआ करो कि मेरे पालने वाले जिस तरह इन दोनों ने मेरे छोटेपन में मेरी मेरी परवरिश की है