20كُلًّا نُمِدُّ هٰؤُلاءِ وَهٰؤُلاءِ مِن عَطاءِ رَبِّكَ ۚ وَما كانَ عَطاءُ رَبِّكَ مَحظورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) उनको (ग़रज़ सबको) हम ही तुम्हारे परवरदिगार की (अपनी) बख़्शिस से मदद देते हैं और तुम्हारे परवरदिगार की बख़्शिस तो (आम है) किसी पर बन्द नहीं