109وَيَخِرّونَ لِلأَذقانِ يَبكونَ وَيَزيدُهُم خُشوعًا ۩फ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये लोग (सजदे के लिए) मुँह के बल गिर पड़तें हैं और रोते चले जाते हैं और ये क़ुरान उन की ख़ाकसारी के बढ़ाता जाता है (109) (सजदा)