97مَن عَمِلَ صالِحًا مِن ذَكَرٍ أَو أُنثىٰ وَهُوَ مُؤمِنٌ فَلَنُحيِيَنَّهُ حَياةً طَيِّبَةً ۖ وَلَنَجزِيَنَّهُم أَجرَهُم بِأَحسَنِ ما كانوا يَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमर्द हो या औरत जो शख़्श नेक काम करेगा और वह ईमानदार भी हो तो हम उसे (दुनिया में भी) पाक व पाकीज़ा जिन्दगी बसर कराएँगें और (आख़िरत में भी) जो कुछ वह करते थे उसका अच्छे से अच्छा अज्र व सवाब अता फरमाएँगें