67وَمِن ثَمَراتِ النَّخيلِ وَالأَعنابِ تَتَّخِذونَ مِنهُ سَكَرًا وَرِزقًا حَسَنًا ۗ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً لِقَومٍ يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर इसी तरह खुरमें और अंगूर के फल से (हम तुमको शीरा पिलाते हैं) जिसकी (कभी तो) तुम शराब बना लिया करते हो और कभी अच्छी रोज़ी (सिरका वगैरह) इसमें शक नहीं कि इसमें भी समझदार लोगों के लिए (क़ुदरत ख़ुदा की) बड़ी निशानी है