64وَما أَنزَلنا عَلَيكَ الكِتابَ إِلّا لِتُبَيِّنَ لَهُمُ الَّذِي اختَلَفوا فيهِ ۙ وَهُدًى وَرَحمَةً لِقَومٍ يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने तुम पर किताब (क़ुरान) तो इसी लिए नाज़िल की ताकि जिन बातों में ये लोग बाहम झगड़ा किए हैं उनको तुम साफ साफ बयान करो (और यह किताब) ईमानदारों के लिए तो (अज़सरतापा) हिदायत और रहमत है