45أَفَأَمِنَ الَّذينَ مَكَرُوا السَّيِّئَاتِ أَن يَخسِفَ اللَّهُ بِهِمُ الأَرضَ أَو يَأتِيَهُمُ العَذابُ مِن حَيثُ لا يَشعُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या जो लोग बड़ी बड़ी मक्कारियाँ (शिर्क वग़ैरह) करते थे (उनको इस बात का इत्मिनान हो गया है (और मुत्तलिक़ ख़ौफ नहीं) कि ख़ुदा उन्हें ज़मीन में धसा दे या ऐसी तरफ से उन पर अज़ाब आ पहुँचे कि उसकी उनको ख़बर भी न हो